विद्यावती मुकंदलाल गर्ल्स डिग्री कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष छात्रा सुगंधा ने कहा कि हैदराबाद पुलिस का कदम काफी अच्छा देश में न्याय प्रक्रिया की स्थिति से सभी अवगत हैं। महिलाओं युवतियों की सुरक्षा के नाम सिर्फ दावे किए जाते हैं। स्नातक की छात्रा अलका ने कहा कि तेलंगाना के राज्य हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक की सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या और शव को जला की वारदात बेहद घृणित थी। स्नातक की छात्रा शबा ने कहा कि हैदराबाद पुलिस की कार्रवाई सराहनीय है। पुलिस एनकाउंटर पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। देश में महिलाओं और युवतियों के साथ आए दिन यौन हिंसा की घटनाएं प्रकाश में आ रही हैं। अधिकांश मामलों में लंबी जांच प्रक्रिया के कारण पीड़िताओं को समय से न्याय नहीं मिल पाता
एमएमएच गर्ल्स इंटर कॉलेज में 11वीं की छात्रा पिंकी ने कहा हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक के साथ हैवानियत के बाद निर्मम तरीके से हत्या की घटना ने सभी को झकझोर दिया था। समाज छेड़छाड़ और बलात्कार की घटनाएं रूक नहीं रही हैं। महिलाओं सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। 11वीं की छात्रा पल्लवी ने कहा कि देश में न्याय व्यवस्था पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। छात्रा रोशनी तिवारी ने कहा कि हैदराबाद में पुलिस सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के आरोपियों को एनकाउंटर में ढेर कर अपराधियों को कड़ा संदेश दिया है। देश में आज बदमाशों में खौफ नहीं रहा है। नतीजन अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। कोई घटना होने पर पहले तो पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं रह ह। काई घटना होने पर पहले तो पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं करती। बाद में मामला कोर्ट में वर्षों तक सुनवाई में लटका रहता है। छात्रा साक्षी अग्रवाल ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून को और सख्त बनाना होगा। फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए केसों का शीघ्र निपटारा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। केंद्र एवं राज्य सरकारों को अपराधियों पर शिकंजा कसने को गंभीरता से कदम उठाने
नगर पालिका बालिका इंटर कॉलेज चंद्रपुरी की छात्रा अलीशा कुरैशी ने कहा कि देश में न्याय प्रक्रिया बेहद सुस्त है। अपराधियों को समय से सजा न होने के कारण उनके हौंसले बुलंद रहते हैं। ऐसे में वह निरंतर अपराध करते रहते हैं। न्याय प्रक्रिया में सुधार होना चाहिए। छात्रा फरहीन ने कहा कि देश में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में ईमानदारी से काम करना चाहिए। छेड़छाड़ और दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं से असुरक्षा की भावना को बढ़ावा मिला है। निर्भया कांड के बाद कानून में बदलाव किए गए थे। इसके बाद भी सकारात्मक परिणाम देखने को नहीं मिल रहे हैं